Economic Survey: आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है, कब और कैसे किया जाता है? देश में कब पेश हुआ था पहला आर्थिक सर्वेक्षण? फाइनेंस के कुछ ऐसे टर्म होते हैं जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी ही नहीं होती है। बजट पेश होता है, यह तो सभी जानते हैं। बजट में क्या-क्या शामिल होते हैं? कम्यूनिटी बेश तकरीबन सभी लोग जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आर्थिक सर्वेक्षण क्या होता है?
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण, जिसे अंग्रेजी में Economic Survey कहा जाता है, इसे कब और कैसे पेश किया जाता है? इस सर्वे को संसद तक लाने की विधि क्या होती है? साथ ही, क्या आप यह जानते हैं कि हमारे आजाद भारत में पहला आर्थिक सर्वेक्षण कब पेश हुआ था? तो चलिए जानते हैं आर्थिक सर्वेक्षण यानी Economic Survey के बारे में सब कुछ। क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण, तो चलिए शुरुआत करते हैं। यह जानने से कि आखिर आर्थिक सर्वेक्षण यानी Economic Survey होता क्या है। दरअसल, हर साल देश का बजट उसके वित्त मंत्री संसद में पेश करते हैं। बजट पेश होने के ठीक पहले, केंद्र सरकार संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है।
यहां जान ले कि आर्थिक सर्वेक्षण ही बजट का मुख्य आधार होता है, क्योंकि इसमें देश की पूरी इकोनॉमी की तस्वीर सामने आ जाती है। आर्थिक सर्वेक्षण को पिछली फाइनेंशियल ईयर की समीक्षा के आधार पर तैयार किया जाता है। वह आर्थिक सर्वेक्षण नहीं है जो हमारे देश की इकोनॉमी की ताजा वित्तीय हालात का वर्णन देती है। आर्थिक सर्वेक्षण में पूरे साल के डेवलपमेंट ट्रेंड, किस सेक्टर में कौन सी योजनाएं किस तरह से लागू हुई, किस सेक्टर से कितनी कमाई हुई, वगैरह जानकारियां दी जाती हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण कौन जारी करता है?
इसे देश के वित्त मंत्री संसद में पेश करते हैं, और उनके जरिए ही पूरे देश की वित्तीय हालत के बारे में पूरी जानकारी हर किसी तक पहुंचती है। दो पार्ट में पेश होता है आर्थिक सर्वेक्षण। अब सवाल यह है कि संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कैसे किया जाता है। जैसा कि हमने बताया, बजट का मेन बेस इकोनॉमी सर्वे ही होता है। इसको दो हिस्सों में संसद में पेश किया जाता है।
इसके पहले हिस्से में देश की आर्थिक स्थिति अभी कैसी है, यह बताया जाता है। वहीं, इसके दूसरे हिस्से में देश में चल रहे तमाम सेक्टर्स के आंकड़े पेश किए जाते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण के यह दोनों आंकड़े चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की दिशा निर्देश में तैयार किया जाता है, जो कि तैयार हो जाने के बाद एक सरकारी दस्तावेज बन जाता है।
लेकिन यहां एक और बात है कि यह कतई जरूरी नहीं कि इसको सरकार ही पेश करे। इकोनॉमी सर्वे में सरकारी नीतियों, देश के अलग-अलग क्षेत्रों के आर्थिक रुझानों, महंगाई, बेरोजगारी के आंकड़े भी बताए जाते हैं। इतना ही नहीं, आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए जनता के निवेश, बचत और खर्च का हिसाब-किताब तकरीबन लग जाता है।
देश में कब पेश हुआ था पहला आर्थिक सर्वेक्षण?
साथ ही, देश को भी वित्तीय राह पर चलने में आसानी हो जाती है। पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश आब सबसे बड़ा सवाल यह है कि देश में पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण कब पेश हुआ था। भारत जब आजाद हुआ था, उसने सभी चीजें धीरे-धीरे अपने हाथ में ली। इसी क्रम में बजट पेश करने का सिलसिला भी आता है।
इसी क्रम में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करने का सिलसिला भी शुरू हुआ था। बता दें कि भारत ने अपना पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950 में जारी किया था, जिसका वित्तीय वर्ष 1950-51 था। उसी वक्त से चला आ रहा यह सिलसिला अब तक जारी है। हालांकि, शुरुआत में आर्थिक सर्वेक्षण बजट वाले दिन ही पेश किया जाता था, लेकिन 1964 में इसमें बदलाव आया और उसी साल से इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।