Ola Electric को वैल्यूएशन कम क्यों करनी पड़ी?
लेकिन यहाँ अहम सवाल ये खड़ा होता है कि कंपनी को अपनी वैल्यूएशन 30 फीसदी कम क्यों करनी पड़ी? असल में, डोमेस्टिक म्यूच्यूअल फंड्स कंपनी के 5 अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन को लेकर खुश नहीं थे, जिसके चलते कंपनी को अपने वैल्यूएशन में कमी करनी पड़ी।
सूत्रों की माने तो कंपनी 660 मिलियन यानी करीब 7250 करोड रूपए आईपीओ के जरिए जुटाने का प्लान बना रही है। इसमें 5500 करोड़ का फ्रेश इश्यू होगा और 1750 करोड़ का OFS होगा।ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ से देश में इ वि सेगमेंट के लिए एक नया रास्ता खुलने वाला है क्योंकि ये भारतीय बाजार में लिस्ट होने वाला इ वि सेगमेंट का पहला शेयर हो सकता है।
Ola IPO के पैसों का क्या करेगी
आइए अब जानते हैं कि कंपनी आईपीओ द्वारा जुटाई जाने वाली रकम को कहाँ इस्तेमाल करेगी तो बता दें कि आईपीओ से मिलने वाले पैसों को कंपनी अपने एक्सपैंशन के लिए इस्तेमाल करेगी। इस रकम का इस्तेमाल ओला गीगा फॅक्टरी प्रोजेक्ट के लिए ओह सी टी के साथ साथ कुछ कर चुकाने के लिए होगा।
वही कंपनी कुछ जरूरी खर्चो के लिए भी इन पैसों का इस्तेमाल करेगी।इसके अलावा ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ से मिले पैसों का एक हिस्सा रिसर्च एंड डेवलपमेंट में खर्च करने वाली है।
यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि 20 साल से ज्यादा वक्त के बाद भारत में किसी व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का पहला आईपीओ आने वाला है। वही अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात करें तो ये भारत की पहली इलेक्ट्रिक कंपनी होगी जो शेयर बाजार में लिस्ट होने वाली है। देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली कंपनियों में ओला सबसे बड़ी है।
इसका कॉम्पिटिशन TVS Motor, Bajaj Auto, और Ather Energy जैसी कंपनियों से है। अब देखना यह होगा कि ओला इलेक्ट्रिक की लिस्टिंग के बाद ऑटो सेक्टर और इ वि सेगमेंट की तस्वीर कैसे बदलती है।